INCOME TAX RETURN FILE करने के लाभ

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INCOME TAX  RETURN जहां करदाता अपनी आय का विवरण, कटौती(Deduction) और छूट(Exemption) और कर योग्य आय पर कर का भुगतान करता है।

वित्त वर्ष 2018-19 के लिए INCOME TAX  RETURN दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2019 है। हालांकि, एक ऐसा वर्ग भी है, जिसे वर्ष के दौरान कुल आय अर्जित करने के बावजूद अपना रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं पड़ती क्यूंकि उनकी आय निर्देशित आय से कम होती है। अधिकांश लोगों को लगता है कि यदि उनका वेतन/आय कर योग्य आय से नीचे आता है, तो उन्हें INCOME TAX  RETURN दाखिल नहीं करना चाहिए। हालाँकि, यह सच नहीं है। सरकार को आदेश है कि जो व्यक्ति वार्षिक आय की एक निर्देशित राशि से अधिक आय अर्जित करते हैं, उन्हें पूर्व निर्धारित तारीख के भीतर INCOME TAX  RETURN दाखिल करनी होगी। Calculated Tax को व्यक्ति द्वारा भुगतान किया जाना चाहिए। INCOME TAX का भुगतान न करने पर आयकर विभाग से दंड(Penalty) का भी प्रावधान है। जो लोग निर्धारित स्तर से कम INCOME कमाते हैं वे भी स्वैच्छिक रूप से रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। रिटर्न फाइल करना एक संकेत है कि आप जिम्मेदार हैं। इतना ही नहीं, यह व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए बाद के लेन-देन में प्रवेश करना भी आसान बनाता है।

निर्देशित आय (जहाँ आपको INCOME TAX  RETURN दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है): 
2,50,000                  60 वर्ष से काम आयु के लोगों के लिए
3,00,000                  60 वर्ष से अधिक किन्तु 80 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिए
5,00,000                 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए

इसके अलावा भले ही आय मूल छूट सीमा से कम हो, व्यक्ति को भारत में आईटीआर दाखिल करने की आवश्यकता होगी, यदि वह भारत के बाहर कोई संपत्ति रखता है या किसी भी वित्तीय हित में है

INCOME TAX  RETURN दाखिल करने के कुछ लाभ हैं जिनके बारें में नीचे बताया गया है, 


ऋण लेने  के लिए (For Loan) : 

ऋण कंपनी आपकी INCOME TAX  RETURN देखना चाह सकती है, यदि आप भविष्य में किसी भी प्रकार के लोन के लिए आवेदन करने की योजना बनाते हैं तो रिटर्न दाखिल करने का एक स्थिर रिकॉर्ड बनाए रखना एक अच्छा विचार है क्योंकि लोन कंपनी इस पर सबसे अधिक जोर देगी। इसी तरह, क्रेडिट कार्ड कंपनियां भी कार्ड जारी करने से पहले रिटर्न के सबूत पर जोर दे सकती हैं। कोई भी वित्तीय संस्थान आपके साथ लेनदेन करने से पहले पिछले कुछ वर्षों में आपके रिटर्न को देख सकते हैं। ऋण के लिए आवेदन करते समय, ऋण की पात्रता और मात्रा किसी की भी आय पर निर्भर करती है जिसे INCOME TAX  RETURN के माध्यम से स्थापित किया जा सकता है। आयकर रिटर्न आपको एक वर्ष के दौरान अर्जित अपनी कुल आय और उस पर दिए गए करों की विस्तृत जानकारी देता है। अपने INCOME TAX  RETURN को दाखिल करना आपकी आय का एक वैध प्रमाण होने का एक तरीका है, और यह आपको आयकर विभाग के साथ एक अच्छा रिकॉर्ड स्थापित करने में मदद करता है।


वीज़ा प्रसंस्करण (For Visa):

यदि आप विदेश यात्रा कर रहे हैं या निकट भविष्य में यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो कमाई का प्रमाण आवश्यक है। यदि आप वेतनभोगी हैं तो प्रमाण पत्र के रूप में आपको फॉर्म 16 मिल भी सकता है लेकिन यदि आप स्व-नियोजित (Self Employed) हैं तो आय विवरण प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। तो इस स्थिति में INCOME TAX  RETURN आय प्रमाण के रूप में काम करेगा। विदेशी वाणिज्य दूतावास आपको वीजा साक्षात्कार(Visa Interview) के समय पिछले कुछ वर्षों की INCOME TAX  RETURN रसीद प्रस्तुत करने के लिए कह सकते हैं। कुछ दूतावास पिछले तीन वर्षों की INCOME TAX  RETURN रसीदें मांग सकते हैं, जबकि कुछ अन्य हालिया प्रमाणपत्र(Recent Certificate) के लिए कह सकते हैं। यह विशेष रूप से सच है यदि आप US, UK, CANADA या EUROPE की यात्रा करने की योजना बनाते हैं, तो INCOME TAX  RETURN यह दर्शातें है कि भारत में आपकी आय के क्या स्रोत है, इस तरह से आपके मामले को मजबूत किया जाएगा, कि आप देश नहीं छोड़ेंगे बल्कि वापस आ जाएंगे। विदेशी देशों की यात्रा करते समय, विशेषज्ञ आपको सुझाव देते हैं कि आप आय संबंधी साक्ष्य हमेशा साथ रखें जैसे वेतन पर्ची, फॉर्म 16 और INCOME TAX  RETURN। वाणिज्य दूतावास ज्यादातर मामलों में इन आवश्यकताओं को निर्देशित करता है। 


वित्तीय वर्ष में नुकसान की भरपाई (For Carry Forward of Losses):

जब तक आप INCOME TAX  RETURN फाइल नहीं करते हैं, तब तक आप पिछले वित्तीय वर्ष में अपने खर्चों/नुकसान को वर्तमान में नहीं बढ़ा सकते हैं। आयकर प्रावधानों के अनुसार, यदि समय पर कर रिटर्न दाखिल नहीं किया जाता है, तो नुकसानों को भविष्य के वर्षों के लिए आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। इसलिए, यह सुनिश्चित करने के लिए कि भविष्य के समायोजन के लिए नुकसान को आगे बढ़ाया जाता है, कर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता होगी।

आय प्रमाण (As Income Proof):

फ्रीलांसर या स्वरोजगार वाले लोगों के पास वेतन प्रमाण पत्र और फॉर्म 16 जैसे कमाई के प्रमाण नहीं मिलते हैं। यह एकमात्र दस्तावेज है जो उन्हें दिखाना है कि उन्होंने आईटीआर दायर किया है। इसके बिना, वे धन संबंधी मुद्दों और लेनदेन संबंधी समस्याओं का सामना कर सकते हैं। आईटीआर स्व-नियोजित के लिए आय के प्रमाण के रूप में कार्य करता है।

हाई लाइफ कवर खरीदना (For Life Cover)

50 लाख रुपये या 1 करोड़ रुपये का लाइफ कवर खरीदना आम बात हो गई है। हालांकि, ये कवर वार्षिक आय को सत्यापित करने के लिए आपके आईटीआर दस्तावेजों को देखते हुए उपलब्ध कराया जाता है। जीवन बीमा कंपनियां, विशेष रूप से एलआईसी, इन दिनों आईटीआर रसीदें मांगती हैं यदि आप 50 लाख रुपये या उससे अधिक की बीमा राशि के साथ एक पॉलिसी खरीदने का विकल्प चुनते हैं। बीमा राशि जो किसी टर्म कवर के साथ मिल सकती है, कई कारकों पर निर्भर करती है जिनमें से एक बीमाधारक की आय है।

सरकारी निविदा(For Govt. Tenders):

यदि किसी को अपना व्यवसाय शुरू करने की योजना है और इसके लिए एक सरकारी निविदा भरने की आवश्यकता है, तो उन्हें पिछले तीन से पांच वर्षों की अपनी कर रिटर्न रसीदें दिखाने की आवश्यकता होगी। यह फिर से, अपनी वित्तीय स्थिति दिखाने के लिए है और आप भुगतान दायित्व का समर्थन कर सकते हैं या नहीं। हालांकि, यह कोई सख्त नियम नहीं है। यह सरकारी विभाग के आंतरिक नियमों के आधार पर भिन्न हो सकता है।


टीडीएस वापसी (TDS Refund):

अगर टीडीएस काटा गया है, तो उसी के रिफंड के लिए आईटीआर फाइल करना होगा।



आपको कर-योग्य रखते हुए समय पर आईटीआर दाखिल करना कई मायनों में फायदेमंद है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए ई-फाइलिंग सीज़न शुरू हो गया है और नियत तारीख 31 जुलाई, 2019 है। एक जिम्मेदार नागरिक बनें और अंतिम मिनट के मुद्दों से बचने के लिए अपने करों को जल्दी दर्ज करें। 



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शुक्रिया VERY MUCH

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