बिना डाक्यूमेंट्स के ड्राइविंग पर भी नहीं कटेगा चालान - Hindi

ई-चालान सिस्टम के जरिए दिल्ली में ऑनलाइन भर पाएंगे चालान, नहीं होगी हेड ऑफिस जाने की जरूरत
(IMAGE SOURCE : JAGRAN.COM)

जी अपने बिल्कुल सही पढ़ा, बिना डाक्यूमेंट्स के ड्राइविंग करने पर भी ट्रैफिक पुलिस आपका चालान नहीं काट सकती।

नियमों को जानना अक्सर महत्वपूर्ण होता है। कई बार आपको नियमों का सही तरीके से पता न होने पर मानसिक और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता था। कुछ ऐसा ही इन दिनों नए मोटर व्हीकल एक्ट के लागू होने के बाद हो रहा है। जब से देश में नए मोटर वाहन अधिनियम को लागू किया गया है, तब से इसके बारे में ड्राइवरों में एक डर और भ्रम है।

RULE 139 & 158 OF CENTRAL MOTOR VEHICLE ACT

नए मोटर वाहन अधिनियम में ड्राइवरों के हितों में कई प्रावधान हैं। जैसे यदि आपके दस्तावेज़ आपके साथ नहीं है, तो ट्रैफिक पुलिस सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के 'नियम 139' के कारण तुरंत चालान जारी नहीं कर सकती है! आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के नियम 139 में ड्राइवर को ड्राइविंग लाइसेंस, व्हीकल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), थर्ड पार्टी इंश्योरेंस डॉक्यूमेंट, प्रदूषण और कंट्रोल सर्टिफिकेट और परमिट सर्टिफिकेट पेश करने के लिए 15 दिन की समय सीमा दी गई है। यानि यदि ड्राइवर के पास ये दस्तावेज़ नहीं हैं, तो भी ट्रैफ़िक पुलिस तुरंत उसका चालान नहीं काट सकती है। ड्राइवर को अपने डाक्यूमेंट्स पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा जिसके अंतर्गत डाक्यूमेंट्स को रिलेटेड ट्रैफिक पुलिस  या अधिकारी को दिखाना होगा या रजिस्टर्ड पोस्ट द्वारा भी भेज सकता है।


नए अधिनियम के अनुसार, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी), तीसरे पक्ष के बीमा दस्तावेज, प्रदूषण और नियंत्रण प्रमाणपत्र और परमिट प्रमाण पत्र की अनुपलब्धता के मामले में, अगर यातायात पुलिस चालान जारी करती है और 15 दिन का समय नहीं देती है, तो वह चालान गैर कानूनी माना जायेगा, फिर चालक के पास अदालत में इस चालान को खारिज करने का विकल्प होता है। साथ ही, न्यू मोटर व्हीकल एक्ट 2019 की धारा 158 के तहत; दुर्घटना या किसी विशेष मामलों में इन दस्तावेजों को दिखाने की सीमा को घटाकर 7 दिन का समय दिया गया है।

PAYING CHALLAN IS NOT MANDATORY

कानून के जानकारों के मुताबिक, अगर ट्रैफिक पुलिस ड्राइवर का चालान जारी करती है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि ड्राइवर को चालान भरना जरूरी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी किया गया चालान कोर्ट का आदेश नहीं है। ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी चालान को अदालत में चुनौती दी जा सकती है। अदालत में जाने पर, अगर अदालत को पता चलता है कि चालक के पास सभी आवश्यक दस्तावेज थे, लेकिन उसे दस्तावेज पेश करने के लिए 15 दिन का समय नहीं दिया गया था, तो अदालत उसका जुर्माना माफ कर सकती है। हालाँकि इस रूल की शर्त ये है कि सभी डाक्यूमेंट्स चालान काटने की डेट से पहले के बने होने चाहिए, और प्रत्येक डाक्यूमेंट्स के लिए 100 रूपये की फी देनी होगी।

DIGI-LOCKER & M-PARIVAHAN APP

और वैसे भी, आपको वाहन के दस्तावेजों की मूल प्रति रखने की आवश्यकता नहीं है। आप वाहन से संबंधित सभी दस्तावेजों को ड्राइविंग लाइसेंस सहित डिजीलॉकर या फिर m-Parivahan मोबाइल ऐप पर अपलोड कर सकते हैं। आप इस सरकारी मान्यता प्राप्त ऐप में अपलोड किए गए दस्तावेज़ों को चेकिंग के दौरान ट्रैफ़िक पुलिस को दिखा सकते हैं, जो पूरी तरह मान्य हैं। उसी समय यदि आपके पास वाहन से संबंधित दस्तावेज़ हैं, लेकिन वे मोबाइल ऐप में अपलोड नहीं किए गए हैं और न ही आपके पास वाहन चलाते समय हैं, तो नए मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, आप दस्तावेज़ दिखाने के लिए 15 दिनों का समय मांग सकते हैं , जो कानूनन आपका अधिकार है।

अगर कोई ट्रैफिक अफसर आप से यह कहता है की ऐसा लिखा कहा है तो आप उसे नीचे दिए गए पीडीएफ को दिखा सकते हैं।



TRAFFIC POLICE CAN'T ABUSE

इसके अलावा यह भी देखा गया है कि वाहन और उससे संबंधित दस्तावेजों की जाँच के दौरान, ट्रैफिक पुलिस आमतौर पर वाहन की चाबी निकाल लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ट्रैफिक पुलिस को ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। नए मोटर व्हीकल एक्ट में भी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। मोटर वाहन अधिनियम के तहत, ट्रैफिक पुलिसकर्मी चालक का केवल चालान जारी कर सकते हैं और कुछ कठोर कारणों में यातायात नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने पर वाहन को जब्त कर सकते हैं। लेकिन ट्रैफिक पुलिस को ड्राइवर के साथ दुर्व्यवहार, बदसलूकी, मारपीट और दुर्व्यवहार करने का कोई अधिकार नहीं है।

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