EFFECTS OF REMOVAL OF ARTICLE 370 AND 35A - in Hindi

Author : Neeraj Kumar

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2019 के राष्ट्रीय चुनावों के दौरान, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने धारा 370 को खत्म करने की बात दोहराई थी। उन्होंने अपने घोस्नापत्र में भी इसका ज़िक्र किया था

आखिरकार केंद्र सरकार ने विपक्षियों के विरोध के बीच धारा 370 को रद्द करने के लिए सोमवार को राज्यसभा में एक प्रस्ताव पेश किया। जम्मू और कश्मीर में बढ़ती उथल-पुथल को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह प्रस्ताव रखा। हालाँकि इस फैसले के दुष्प्रभावों से बचने के लिए सरकार ने जम्मू-कश्मीर के तीन सबसे प्रमुख राजनेता महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और सजाद लोन को रविवार को आधी रात के बाद घर से नजरबंद कर दिया गया था। साथ ही अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को तुरंत कश्मीर छोड़ने के लिए कहा गया।

Article 370 क्या है?

संविधान का अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान है जो जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देता है, मतलब जम्मू कश्मीर में संपत्ति के खरीदने व बेचने के अधिकार, वहाँ के मौलिक अधिकारों और नागरिकता जैसे मुद्दों के लिए जम्मू और कश्मीर के लिए एक अलग कानून के तहत आते हैं। धारा 370 राज्य में कानून बनाने के लिए संसद की शक्तियों को भी सीमित करता है। वास्तव में, अनुच्छेद 370 कहता है कि संसद को रक्षा मामलों, विदेशी मामलों, वित्त मामलों और संचार मामलों के अलावा किसी भी कानून को लागू करने के लिए राज्य सरकार की सहमति की आवश्यकता होगी। इस प्रावधान को 17 अक्टूबर, 1949 को संविधान में शामिल किया गया था।

Article 35A क्या है?

अनुच्छेद 35A को 1954 में राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत क्षेत्रीय नियमों के पुराने कानून को जारी रखने और मजबूती देने के लिए पेश किया गया था। 

यह बाहरी लोगों को स्थायी(Permanent) रूप से रहने, भूमि खरीदने, स्थानीय सरकारी नौकरियों को रखने या क्षेत्र में शिक्षा छात्रवृत्ति(Scholarship) जीतने से मना करता है। जम्मू और कश्मीर की महिलाये यदि राज्य के बाहर के व्यक्ति से शादी करती हैं तो उन्हें और उनकी आने वाली संतानों को भी सम्पति से बेदखल कर दिया जाएगा।

धारा 370 व 35Aको हटाने के बाद के असर

  • जम्मू और कश्मीर एक स्वतंत्र राज्य के बजाय एक केंद्र शासित प्रदेश बन जाएगा।
  • लद्दाख जम्मू और कश्मीर से अलग होकर एक और केंद्र शासित प्रदेश बन जाएगा।
  • जम्मू और कश्मीर का अपना अलग संविधान नहीं होगा। भारत का संविधान जम्मू और कश्मीर पर लागू होगा।
  • जम्मू और कश्मीर का कोई अलग झंडा नहीं।
  • भारत का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में संपत्ति या भूमि खरीद सकता है, क्योंकि अनुच्छेद 35-A को भी समाप्त कर दिया गया है।
  • जम्मू और कश्मीर में पहले की तरह विधान सभा के चुनाव होंगे, लेकिन लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी।
  • राज्यपाल के पद को उपराज्यपाल में बदल दिया जाएगा (अन्य केंद्र शासित प्रदेशों की तरह)
  • भारतीय संविधान का अनुच्छेद 356 जम्मू और कश्मीर पर लागू होगा जो राज्य के आपातकाल के मामले में राष्ट्रपति शासन की अनुमति देगा। पहले यह गवर्नर का शासन था।
  • भारतीय ध्वज को बदनाम करना एक आपराधिक अपराध होगा।

हम भविष्य में कुछ और बदलाव भी देख सकते हैं।

जैसा कि, संविधान और अन्य कानूनों से संबंधित सभी नियम और कानून जम्मू और कश्मीर पर लागू होंगे, हम वहां अलगाववादी विकास को कम देख सकते हैं। घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले लोगों के खिलाफ केंद्र सख्त कार्रवाई कर सकता है।

धीरे-धीरे, अगर आस-पास के राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों जैसे कि उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लोग वहां पर जमीन खरीदते हैं, तो हम एक देश-विरोधी/अलग देश की भावनाओं को कम और एक देश भारत के लिए सहकारी भावनाओं को अधिक देख सकते हैं।

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